मानव नव रसों की खान है। उसकी सोच से उत्पन्न उसकी प्रतिक्रिया ही यह निर्धारित करती है कि उसका व्यक्तित्व कैसा है ! निश्चय ही मेरी रचनाओं में आपको नवीन एवं पुरातन का समावेश मिलेगा साथ ही क्रान्तिकारी विचारधारा के छींटे भी । धन्यवाद ! ।।सधु चन्द्र।।
वाह।
सादर आभार
बहुत सुन्दर प्रातर्वन्दन...।
बहुत सुंदर
सुन्दर
आभार!सादर
वाह।
ReplyDeleteसादर आभार
Deleteबहुत सुन्दर प्रातर्वन्दन...।
ReplyDeleteसादर आभार
ReplyDeleteबहुत सुंदर
ReplyDeleteसादर आभार
Deleteसुन्दर
ReplyDeleteआभार!
Deleteसादर