मानव नव रसों की खान है। उसकी सोच से उत्पन्न उसकी प्रतिक्रिया ही यह निर्धारित करती है कि उसका व्यक्तित्व कैसा है ! निश्चय ही मेरी रचनाओं में आपको नवीन एवं पुरातन का समावेश मिलेगा साथ ही क्रान्तिकारी विचारधारा के छींटे भी । धन्यवाद ! ।।सधु चन्द्र।।
शुभारंभ
Ma'am this is another level of Hindi....I loved it.... waiting for more such beautiful creations 😊
शुक्रिया😊
नभ से बूंदे टपके टप -टपसीत ओस के गाल को चूमे प्रातः बेला के वंदन में व्योम धरा के बाट में झूमे।।लेखन का प्रभात
आभार। सादर।
शुभारंभ
ReplyDeleteMa'am this is another level of Hindi....I loved it.... waiting for more such beautiful creations 😊
Deleteशुक्रिया😊
Deleteनभ से बूंदे टपके टप -टप
ReplyDeleteसीत ओस के गाल को चूमे
प्रातः बेला के वंदन में
व्योम धरा के बाट में झूमे।।
लेखन का प्रभात
आभार।
ReplyDeleteसादर।