Tuesday, 10 November 2020

बोल है अनमोल

बोल और सोच के बीच है 
बड़ा ही गहरा नाता 
जिसका सही उपयोग भी
किसी-किसी को ही आता।
वही तो है ...जो मनुष्य के 
व्यक्तित्व को दर्शाता ।

तोल मोल के बोल 
कि भैया ये बोल है अनमोल
मीठा बोल किसे न भाता ?
एक बोल ही तो है, जिससे ...
मनुष्य-पशु से अलग कहलाता
जिससे ...एक इंसान 
दूसरे के लिए दौड़ा चला आता। 

यह बोल ही है जो कि 
मधुर-कटु संबंध बनाता
मुँह से पान के अलावा 
कुछ और भी खिलाता ।

अब यह हम पर निर्भर करता है कि 
हमें  क्या चाहिए?
मान -सम्मान  या अपमान चाहिए ।

हम सोच कर बोलेंगे या 
बोलकर सोचेंगे ।

क्योंकि ...
बंदूक से निकली गोली और 
मुंह से निकली बोली 
वापस नहीं आती
इसलिए...
जब भी बोलो 
सोच कर बोलो 
अपने शब्दों को खुद ही टटोलो।

।।सधु।। 

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