Friday, 1 January 2021

नया साल है...


आरंभ का अंत 

और 

अंत से आरंभ हो जाना 

नया साल है।


दिन का रात 

और 

रात का दिन हो जाना 

नया साल है ।


उदय का अस्त 

और

अस्त का उदय हो जाना 

नया साल है।


टहनियों पर 

खिले फूल का झड़ जाना 

और 

उन्हीं  झड़े फूलों की जगह 

एक नई कली का खिल जाना 

नया साल है ।


आत्मा का 

निश्चित रह जाना और 

शरीर रूपी वस्त्र का

 बदल जाना

नया साल है ।


तो आओ ...

एक बताशे-सी मुस्कान 

इन लबों पर ले आए।

मुंह मीठा खुद करें 

दूसरे भी बस ~~~

मीठे-मीठे हो जाएँ।

मंगलमय नववर्ष की अशेष शुभकामनाओं सहित 

।।सधु चन्द्र।। 

14 comments:

  1. बहुत उम्दा दार्शनिक भाव!नव वर्ष २०२१ की आपको और आपके परिवार को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं...💥💥💥💐💐🥳🎂 विश्वमोहन

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    1. हार्दिक आभार माननीय🙏🙏🙏
      सादर।

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  2. जी नमस्ते,
    आपकी लिखी रचना आज 2 जनवरी 2021 को साझा की गई है......... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन " पर आप भी सादर आमंत्रित हैं ....धन्यवाद! ,

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    1. धन्यवाद श्वेता जी।
      मेरी रचना को 'सांध्य दैनिक मुखरित मौन' मंच पर साझा करने हेतु हार्दिक आभार।
      सादर।

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  3. आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल रविवार (03-01-2021) को   "हो सबका कल्याण"   (चर्चा अंक-3935)   पर भी होगी। 
    -- 
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है। 
    --
    नववर्ष-2021 की मंगल कामनाओं के साथ-   
    हार्दिक शुभकामनाएँ।  
    --
    सादर...! 
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' 
    --

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    1. मेरी रचना को एक उत्कृष्ट मंच प्रदान करने हेतु हार्दिक आभार माननीय।
      नववर्ष की अशेष शुभकामनाएँ ।
      सादर ।

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  4. नववर्ष मंगलमय हो। सुन्दर सृजन।

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    1. हार्दिक आभार माननीय🙏🙏🙏
      सादर।

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  5. बहुत बढ़िया। नववर्ष की शुभकानाएं 🌻

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    1. हार्दिक आभार माननीय।
      सादर।

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  6. बहुत ही सुन्दर रचना
    नववर्ष मंगलमय हो

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  7. सहज ज़ुबान पर गुलकंद घोलती ।
    सरस रचना।
    नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं ।

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  8. तो आओ ...

    एक बताशे-सी मुस्कान

    इन लबों पर ले आए।

    मुंह मीठा खुद करें

    दूसरे भी बस ~~~

    मीठे-मीठे हो जाएँ।
    वाह!

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  9. हार्दिक आभार माननीय।
    सादर।

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