Monday, 17 May 2021

हमने मौत से लड़कर जीवन जीतना सीखा है।।

उड़ान हौसलों की 
ना हो कभी कम 
इस आसमां को पी जाएं
भर लें बाजुओं में 
हवाओं के दम ।।

 ऊंची लहर तुम 
उठो और ऊँचा  
गिरो तो चट्टान बन 
भर लूं मैं तुम्हें हमदम।।

कि चलो क्षितिज पार 
मंज़िल है वहाँ 
जहाँ दूर-दूर  सागर से 
आसमां मिलता है।।

अब क्या  खौफ़... किसी का
हमने मौत से लड़कर
जीवन जीतना सीखा है।।

आशा महासाध्वी कदाचित् मां न मुञ्चति।

।।सधु चन्द्र।। 

12 comments:

  1. वाह! आशा अमर है जिसकी आराधना कभी निष्फल नहीं होती!

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  2. जिसके पास हौसला हो उसे भला कौन हारा सकता है ।।
    बहुत सुंदर

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  3. अपने अनुभव भी साझा करेंगी तो दूसरों को लाभ मिल सकता है ।

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  4. हमने मौत से लड़कर जीवन जीतना सीखा है....... "
    पर उसके पलटवार से सावधान भी रहना है !

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  5. आशा का संचार करती रचना। जिनके पास हौसला हो वो किसी भी परिस्थिति से नहीं डरते।

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  6. कि चलो क्षितिज पार
    मंज़िल है वहाँ
    जहाँ दूर-दूर सागर से
    आसमां मिलता है।। वाह बेहद खूबसूरत रचना।

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  7. सुंदर अभिव्यक्ति 🙏

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  8. वाह!सुंदर अभिव्यक्ति ।

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  9. सत्‍य कहा सधु जी,
    अब क्या खौफ़... किसी का
    हमने मौत से लड़कर
    जीवन जीतना सीखा है।।
    ---सुंदर वचन

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  10. बहुत सुन्दर आशावादी रचना ।

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  11. यही जज़्बा हमेशा रहना चाहिए हर किसी में।

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