मानव नव रसों की खान है। उसकी सोच से उत्पन्न उसकी प्रतिक्रिया ही यह निर्धारित करती है कि उसका व्यक्तित्व कैसा है ! निश्चय ही मेरी रचनाओं में आपको नवीन एवं पुरातन का समावेश मिलेगा साथ ही क्रान्तिकारी विचारधारा के छींटे भी । धन्यवाद ! ।।सधु चन्द्र।।
वाह!!!बात सौ टके की!!!लाजवाब।
सर्वथा , बुद्धि ताकत से कहीं ज्यादा कारगर होती है।
क्या ख़ूब कही सधु जी आपने! इस बात को समझकर इस पर अमल करने में ही बुद्धिमत्ता है।
वाह!!!
ReplyDeleteबात सौ टके की!!!
लाजवाब।
सर्वथा , बुद्धि ताकत से कहीं ज्यादा कारगर होती है।
ReplyDeleteक्या ख़ूब कही सधु जी आपने! इस बात को समझकर इस पर अमल करने में ही बुद्धिमत्ता है।
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