मानव नव रसों की खान है। उसकी सोच से उत्पन्न उसकी प्रतिक्रिया ही यह निर्धारित करती है कि उसका व्यक्तित्व कैसा है ! निश्चय ही मेरी रचनाओं में आपको नवीन एवं पुरातन का समावेश मिलेगा साथ ही क्रान्तिकारी विचारधारा के छींटे भी । धन्यवाद ! ।।सधु चन्द्र।।
इस बात के मर्म को कितने लोग समझते हैं सधु जी ?
गति ही जीवन है का भाव लिए सार्थक रचना।
इस बात के मर्म को कितने लोग समझते हैं सधु जी ?
ReplyDeleteगति ही जीवन है का भाव लिए सार्थक रचना।
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