'प्रेम' और 'सम्मान'
दुनियाँ की सबसे बड़ी भेंट है।
किसी को प्रेम व स्नेह देना
जितना बड़ा उपहार है ।
उससे कहीं बड़ा
उसे पाना साक्षात् ...
आत्मसम्मान है ।।
*************************
जिंदगी में कितना... क्या है!!! ?
यह मायने नहीं रखता
बल्कि ...
आपके जीवन में
कौन कितना समर्पित है!!!
यह मायने रखता है।
***************************
कुछ लोग
सीमित संसाधन में भी
प्रफुल्लित रहते हैं...
पूर्ण रहते हैं ।
पर कुछ भरे पूरे...
खाली जीवन लिए
सर्वदा अपूर्ण रहते हैं।
।।सधु चन्द्र।।
चित्र - साभार गूगल
जीवनोपयोगी क्षणिकाएँ।
ReplyDeleteहार्दिक आभार माननीय।
Deleteसादर।
सुंदर
ReplyDeleteहार्दिक आभार।
Deleteसादर।
बहुत बहुत उपयोगी व् महत्वपूर्ण कथन |
ReplyDeleteहार्दिक आभार।
Deleteसादर।
मेरी रचना को मंच प्रदान करने हेतु हार्दिक आभार मीना जी।
ReplyDeleteसादर।
सुन्दर सृजन
ReplyDeleteहार्दिक आभार माननीय।
Deleteसादर।
कुछ लोग
ReplyDeleteसीमित संसाधन में भी
प्रफुल्लित रहते हैं...
पूर्ण रहते हैं ।
पर कुछ भरे पूरे...
खाली जीवन लिए
सर्वदा अपूर्ण रहते हैं।
बहुत गहरी बात...
बहुत सुंदर सृजन 🌹🙏🌹
हृदयतल से आभार शरद जी।
Deleteसादर।
बहुत सुंदर सृजन
ReplyDeleteहृदयतल से आभार अनुराधा दी ।
Deleteसादर।
दुनियाँ की सबसे बड़ी भेंट है।
ReplyDeleteकिसी को प्रेम व स्नेह देना। बहुत सही।
हृदयतल से आभार ज्योति जी।
Deleteसादर।
सुंदर सृजन
ReplyDeleteहार्दिक आभार माननीय।
Deleteसादर।
अति सुन्दर कथ्य ।
ReplyDeleteहृदयतल से आभार अमृता जी।
Deleteसादर।
बहुत ही अच्छा लिखती हैं सधु जी...बहुत ही अच्छा मतलब बहुत ही
ReplyDeleteउत्साहवर्धन के लिए बहुत-बहुत आभार अलकनंदा जी।
Deleteसादर।
दुनियाँ की सबसे बड़ी भेंट है।
ReplyDeleteकिसी को प्रेम व स्नेह देना।
बहुत ही सटीक एवं महत्वपूर्ण कथ्य।
वाह!!!
हार्दिक आभार सुधा जी सादर
Deleteवाह!
ReplyDeleteअद्भूत!
हार्दिक आभार ।
Deleteसादर।