मानव नव रसों की खान है। उसकी सोच से उत्पन्न उसकी प्रतिक्रिया ही यह निर्धारित करती है कि उसका व्यक्तित्व कैसा है ! निश्चय ही मेरी रचनाओं में आपको नवीन एवं पुरातन का समावेश मिलेगा साथ ही क्रान्तिकारी विचारधारा के छींटे भी । धन्यवाद !
।।सधु चन्द्र।।
▼
Tuesday 29 June 2021
कुछ हृदय की ज्वारभाटा ने उड़ेला कुछ आँखों की नम लहरों ने...
वाह! मोहक पंक्तियाँ!
ReplyDeleteसुन्दर अभिव्यक्ति, चंद शब्दों में पूरी कहानी, वही व्यथा पुरानी।
ReplyDeleteबहुत ही सुंदर। ।।।
सुन्दर रचना |
ReplyDelete