बातें जो अच्छी न लगे
उसमें कोई बुराई हो
हो सकता है कि
मानस पटल पर
उसने अभी तक
न स्वीकृति पाई हो ।
ऐसा नहीं कि
जो सौदा बाज़ार में
देखकर छोड़ दें
उसमें कमी की गुंजाइश हो ...
यूपी,बिहार का विवाह
है इसका प्रमाण
और
हो सकता है कि
उस समय
ज़ेब ने की रुसवाई हो ।
ऐसा नहीं कि
एकनाद प्रतिध्वनि की
न दी सुनाई हो
हो सकता है
आवाज़ देने वाले के लिए
उसके भीतर न गहराई हो।
ऐसा नहीं कि
जो दिखाई दे
उसमें ही सच्चाई हो
यह अनुमान प्रमाण भी न...
प्रत्यक्ष को
घाटे में डाल देती है।।
।।सधु।।
ऐसा नहीं कि
ReplyDeleteएकनाद प्रतिध्वनि की
न दी सुनाई हो
हो सकता है
आवाज़ देने वाले के लिए
उसके भीतर न गहराई हो।
...इस रचना मे अन्तर्निहित भाव अत्यंत ही प्रभावशाली है। आपके वैचारिक प्रखरता को नमन करते हुए बहुत-बहुत शुभकामनाएँ आदरणीया सधु जी।
आपके अनमोल विश्लेषण के लिए हृदय तल से आभार पुरुषोत्तम जी
Deleteसादर
आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" गुरुवार 26 नवंबर नवंबर 2020 को साझा की गयी है.............. पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
ReplyDeleteमेरी रचना को पांच लिंको का आनन्द पर प्रकाशित करने हेतु हार्दिक आभार थी
ReplyDeleteबिल्कुल सही. बहुत अच्छा लिखा.
ReplyDeleteहार्दिक आभार
Deleteसादर
भावपूर्ण गहन रचना
ReplyDeleteहार्दिक आभार
Deleteसादर
सशक्त रचना।
ReplyDeleteहार्दिक आभार
Deleteसादर
ऐसा नहीं कि
ReplyDeleteएकनाद प्रतिध्वनि की
न दी सुनाई हो
हो सकता है
आवाज़ देने वाले के लिए
उसके भीतर न गहराई हो।
....।मनोभावों की सुंदर अभिव्यक्ति..।
हार्दिक आभार
Deleteसादर
वाह!खूबसूरत अभिव्यक्ति ।
ReplyDeleteहार्दिक आभार
Deleteसादर
सुन्दर
ReplyDeleteहार्दिक आभार
Deleteसादर
सुंदर।
ReplyDeleteहार्दिक आभार
Deleteसादर
वाह👌
ReplyDeleteहार्दिक आभार
Deleteसादर
सुंदर विश्लेषण
ReplyDeleteहार्दिक आभार महोदय
ReplyDeleteसादर
ऐसा नहीं कि
ReplyDeleteएकनाद प्रतिध्वनि की
न दी सुनाई हो
हो सकता है
आवाज़ देने वाले के लिए
उसके भीतर न गहराई हो।गहन भावों से मुखरित रचना मुग्ध करती है, सुन्दर सृजन - नमन सह।
विश्लेषण हेतु हार्दिक आभार महोदय
Deleteसादर
ऐसा नहीं कि
ReplyDeleteजो सौदा बाज़ार में
देखकर छोड़ दें
उसमें कमी की गुंजाइश हो ...
यूपी,बिहार का विवाह
है इसका प्रमाण
और
हो सकता है कि
उस समय
ज़ेब ने की रुसवाई हो ।
वाह!!!!
क्या बात...
लाजवाब सृजन।
हार्दिक आभार महोदया
Deleteसादर
ऐसा नहीं कि
ReplyDeleteजो सौदा बाज़ार में
देखकर छोड़ दें
उसमें कमी की गुंजाइश हो ...
यूपी,बिहार का विवाह
है इसका प्रमाण
और
हो सकता है कि
उस समय
ज़ेब ने की रुसवाई हो ।
यथार्थ को दर्शाती सुन्दर प्रस्तुति।
शुभकामनाएं।
हार्दिक आभार महोदय।
ReplyDeleteसादर।