मानव नव रसों की खान है। उसकी सोच से उत्पन्न उसकी प्रतिक्रिया ही यह निर्धारित करती है कि उसका व्यक्तित्व कैसा है ! निश्चय ही मेरी रचनाओं में आपको नवीन एवं पुरातन का समावेश मिलेगा साथ ही क्रान्तिकारी विचारधारा के छींटे भी । धन्यवाद ! ।।सधु चन्द्र।।
बुद्धिमान लोग संदेह से भरे हैं जबकिमूर्ख लोग आत्मविश्वास से।बहुत बड़ी समास्या
आज के समय की ये भी एक समस्या है..सुन्दर..
बिलकुल ठीक कहा वुकोव्स्की जी ने । साझा करने हेतु आभार आपका सधु जी ।
बहुत सटीक।
😄😄 सटीक
सत्य वचन
वाह!👌
मुझे भी यह बात बड़ी सटीक लगी।
बुद्धिमान लोग संदेह से भरे हैं जबकि
ReplyDeleteमूर्ख लोग आत्मविश्वास से।
बहुत बड़ी समास्या
आज के समय की ये भी एक समस्या है..सुन्दर..
ReplyDeleteबिलकुल ठीक कहा वुकोव्स्की जी ने । साझा करने हेतु आभार आपका सधु जी ।
ReplyDeleteबहुत सटीक।
ReplyDelete😄😄 सटीक
ReplyDeleteसत्य वचन
ReplyDeleteवाह!👌
ReplyDeleteमुझे भी यह बात बड़ी सटीक लगी।
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