यह एक ऐसा अदृश्य अंग
जो स्पष्ट तौर पर
मानवों का आवंटन कर
छवि को दिखाता है ।
कोई... शुद्धता
कोई ...मिलावट
कोई ...अवसरवाद को
दर्शाता है।
पहले स्थान पर आने वाले लोग
अत्यंत शुद्धता के कारण
कच्चे सोने की तरह
जीवन में मुलायम रह जाते हैं।
दूसरे स्थान पर आने वाले लोग
शुद्ध सोने में सुहागे से मिल
और चमक जाते हैं।
तीसरे स्थान पर आने वाले लोग
बस देखने में शुद्ध सोने की तरह होते हैं
किंतु परखने पर वह
नकली निकल जाते हैं।
इनमें...
जीवन में सबसे अधिक सफलता
दूसरे नंबर वाले लोग पाते हैं।
तीसरे नंबर वाले
अवसरवादिता के कारण
अपने वक्तव्य से मुकर जाते हैं ।
विश्वासघाती के नाम से
मशहूर हो जाते हैं
इसलिए जीवन में आगे बढ़कर भी
पिछड़ जाते हैं।
पहले नंबर पर आने वाले व्यक्ति
भले सफलता में अपना
परचम ना फैला पाए
पर ...विश्वसनीयता
शुद्धता के कारण
वास्तविकता से जुड़े रह जाते हैं ।
शुद्ध चैतन्य
बस...
इनकी वाणी
साफ़, सीधी, स्पष्ट
और कठोर होती है।
किंतु ऐसा व्यक्ति किसी को धोखा नहीं देता।
।।सधु चन्द्र ।।
वाह।
ReplyDeleteहार्दिक आभार।
Deleteसादर।
बहुत सुन्दर
ReplyDeleteहार्दिक आभार।
Deleteसादर।
बहुत बढ़िया।
ReplyDeleteहार्दिक आभार।
Deleteसादर।
शुद्ध चैतन्य
ReplyDeleteइनकी वाणी
साफ़, सीधी, स्पष्ट
और कठोर होती है।
किंतु ऐसा व्यक्ति किसी को धोखा नहीं देता।
बहुत सुन्दर
हार्दिक आभार।
Deleteसादर।
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल रविवार (06-12-2020) को "उलूक बेवकूफ नहीं है" (चर्चा अंक- 3907) पर भी होगी।
ReplyDelete--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
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सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
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हार्दिक आभार।
Deleteसादर।
सारगर्भित प्रस्तुति के लिए आपको बधाई। सादर।
ReplyDeleteहार्दिक आभार।
Deleteसादर।
सुन्दर व्याख्या करते हुए आपने मेरे मन की बात कह दी है। बहुत-बहुत शुभकामनाएँ आदरणीया सधु जी।
ReplyDeleteहार्दिक आभार।
Deleteसादर।
सुन्दर
ReplyDeleteहार्दिक आभार।
Deleteसादर।
ज्ञान-वर्धक प्रस्तुति !
ReplyDeleteहार्दिक आभार।
ReplyDeleteसादर।
शुद्ध चैतन्य
ReplyDeleteइनकी वाणी
साफ़, सीधी, स्पष्ट
और कठोर होती है।
किंतु ऐसा व्यक्ति किसी को धोखा नहीं देता। अर्थपूर्ण अभिव्यक्ति - -
हार्दिक आभार।
ReplyDeleteसादर।