Monday, 4 January 2021

धुली-धुली नई सुबह से हाथ मिला लो

धुली-धुली
नई सुबह से 
हाथ मिला लो।
पिछली वाली 
काली-काली
रात भुला दो।

जगी उमंगे हैं
 फिर से... 
उल्लासों से 
उन्हें  सजा दो ।
चूर-चूर  जिससे
तन-मन था वो
आघात भुला दो।

कलुष झरें 
किसलय अनुरागी
कन्ठ लगा लो।
नाराज़ी की ऊँची-नीची
बात  भुला दो।

अभिनन्दन यूँ करें परस्पर
नये वर्ष का
फटे-फटे रिश्तों की हर
सौगात भुला दो।।
शुभकामनाएँ
प्रातर्वन्दन 🙏🙏🙏🙏

32 comments:

  1. नव वर्ष पर आपकी यह कामना पूरी हो।

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    1. हार्दिक आभार माननीय ।
      सादर।

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  2. आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज सोमवार 04 जनवरी 2021 को साझा की गई है.... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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    1. मेरी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन" पर साझा करने हेतु हार्दिक आभार दिव्या जी।
      सादर।

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  3. बीती भूलना आसान नहीं, पर भूलना ही होगा
    नई सुबह के साथ चलना होगा,

    बहुत सही

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    1. हार्दिक आभार कविता जी ।
      सादर।

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  4. सकारात्मक सोच, सुन्दर रचना।
    --
    नूतन वर्ष 2021 की हार्दिक शुभकामनाएँ।

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    1. हार्दिक आभार माननीय ।
      सादर नमन।

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  5. Replies
    1. हार्दिक आभार माननीय ।
      सादर।

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  6. सादर नमस्कार ,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (5-12-20) को "रचनाएँ रचवाती हो"'(चर्चा अंक-3937) पर भी होगी।
    आप भी सादर आमंत्रित है।
    --
    कामिनी सिन्हा

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    1. मेरी इस प्रविष्टि् को "चर्चा अंक" पर साझा करने हेतु हार्दिक आभार कामनी जी।
      सादर।

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  7. Replies
    1. हार्दिक आभार माननीय ।
      सादर।

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  8. अभिनन्दन यूँ करें परस्पर
    नये वर्ष का
    फटे-फटे रिश्तों की हर
    सौगात भुला दो।।
    सुन्दर।

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    1. हार्दिक आभार माननीय ।
      सादर।

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  9. उम्मीद से भरी सुंदर रचना प्रिय सधु जी। हार्दिक शुभकामनाएं

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    1. हार्दिक आभार रेणु जी ।
      सादर।

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  10. अति सुन्दर ।

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    1. हार्दिक आभार अमृता जी ।
      सादर।

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  11. सुंदर व सकारात्मक कविता।

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    Replies
    1. हार्दिक आभार माननीय ।
      सादर।

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  12. अभिनन्दन यूँ करें परस्पर
    नये वर्ष का
    फटे-फटे रिश्तों की हर
    सौगात भुला दो।।
    शुभकामनाएँ
    प्रातर्वन्दन....

    नववर्ष पर सदेच्छाओं से परिपूर्ण बहुत सुंदर रचना सधु जी 🌹🙏🌹

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    1. हार्दिक आभार शरद जी ।
      सादर।

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  13. बहुत सुंदर रचना

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    1. हार्दिक आभार अनुराधा दी ।
      सादर।

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  14. बहुत सुंदर सृजन।
    सुंदर भावों से परिपूर्ण।

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  15. िंकंचित नया सवेरा नया उल्लास प्रदान करता है। यह उल्लास सभी को मिले। सुन्दर।

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    1. हार्दिक आभार माननीय ।
      सादर।

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  16. Replies
    1. हार्दिक आभार माननीय।
      सादर।

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