Tuesday 29 December 2020

ममता की छाँव में

ममता की छाँव में कोमल तल-झाड़ियाँ भी बने शूल।
माँ तेरी ही अनुकंपा है जो 
विपरीत परिस्थिति में भी
सब  हो जाए अनुकूल।।
प्रातर्वन्दन🙏🙏🙏
।।सधु।। 

चित्र - साभार गूगल

23 comments:

  1. बहुत खूब। आपको नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ।

    ReplyDelete
    Replies
    1. आपको भी अशेष शुभकामनाएँ माननीय।
      सादर।

      Delete
  2. सादर नमन माननीय ।
    मेरी रचना को साझा करने हेतु हार्दिक आभार।
    सादर।

    ReplyDelete
  3. Replies
    1. हार्दिक आभार माननीय।
      सादर।

      Delete
  4. Replies
    1. हार्दिक आभार अनुराधा दी।
      सादर।

      Delete
  5. बहुत सुंदर

    ReplyDelete
    Replies
    1. हार्दिक आभार माननीय।
      सादर।

      Delete
  6. Replies
    1. हार्दिक आभार माननीय।
      सादर।

      Delete
  7. सुन्दर प्रस्तुति

    ReplyDelete
    Replies
    1. हार्दिक आभार माननीय।
      सादर।

      Delete
  8. Replies
    1. हार्दिक आभार माननीय।
      सादर।

      Delete
  9. प्रणाम सधु जी, नववर्ष की शुभकामनायें

    ReplyDelete
    Replies

    1. आपको भी आगत नूतन वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ।

      Delete
  10. माँ की अनुकम्पा हो तो जीवन सार्थक हो जाता है ... सब अनुकूल हो जाता है ... सुन्दर शब्द ...

    ReplyDelete
    Replies
    1. हार्दिक आभार माननीय।
      सादर।

      Delete
  11. माँ तेरी ही अनुकंपा है जो
    विपरीत परिस्थिति में भी
    सब हो जाए अनुकूल।।

    हृदयस्पर्शी ....
    बहुत सुंदर रचना...

    ReplyDelete
    Replies
    1. हार्दिक आभार शरद जी।
      सादर।

      Delete
  12. ममता की छाँव में कोमल तल-झाड़ियाँ भी बने शूल।
    माँ तेरी ही अनुकंपा है जो
    विपरीत परिस्थिति में भी
    सब हो जाए अनुकूल

    अतुलनीय।

    ReplyDelete
    Replies
    1. हार्दिक आभार माननीय।
      सादर।

      Delete

राम एक नाम नहीं

राम एक नाम नहीं  जीवन का सोपान हैं।  दीपावली के टिमटिमाते तारे  वाल्मिकी-तुलसी के वरदान हैं। राम है शीतल धारा गंगा की  पवित्र पर...