जो चल रही है ...
ना मशाल लेकर
राह दिखाएगा कोई ।
एक ज्योतिपुंज जो
जल रही है भीतर तेरे
मझधार में बन पतवार
पार लगाएगी वही ।
तू चल ...
ना रूक...
बेड़ियों,जंजीरों को तोड़
भारी पैर से अटल हो
मंजिल को अपनी ओर मोड़ ।
तू शूल में भी फूल खिलाने में सक्षम
प्रतिकूल को भी अनुकूल बनाने में सक्षम
क्या हुआ !!!
जो पहली पारी रुक गई ...
दूसरी पारी अब भी है शेष ।
जो होगा तेरे लिए विशेष।।
।।सधु चन्द्र ।।
चित्र - साभार गूगल
क्या हुआ !!!
ReplyDeleteजो पहली पारी रुक गई ...
दूसरी पारी अब भी है शेष ।
जो होगा तेरे लिए विशेष।। बहुत सुंदर!
हार्दिक आभार माननीय।
Deleteसादर।
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल रविवार (31-01-2021) को "कंकड़ देते कष्ट" (चर्चा अंक- 3963) पर भी होगी।
ReplyDelete--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ-
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सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
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हार्दिक आभार माननीय।
Deleteसादर।
आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज शनिवार 30 जनवरी 2021 को साझा की गई है......... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
ReplyDeleteहार्दिक आभार दी।
Deleteसादर।
सुंदर सृजन, सार्थक प्रस्तुति। बढ़िया प्रेरणास्पद रचना के लिए आपको शुभकामनाएँ।
ReplyDeleteहार्दिक आभार माननीय।
Deleteसादर।
किसी भी क्लांत एवं नैराश्य में डूबे मन के लिए आपकी ये पंक्तियां ऐसी ही हैं सधु जी जैसे मरूस्थल में चल रहे यात्री के लिए वर्षा की बूंदें ।
ReplyDeleteहार्दिक आभार माननीय।
Deleteसादर।
वाह।
ReplyDeleteहार्दिक आभार माननीय।
Deleteसादर।
बहुत सुंदर
ReplyDeleteहार्दिक आभार माननीय।
Deleteसादर।
सुन्दर रचना।
ReplyDeleteहार्दिक आभार माननीय।
Deleteसादर।
क्या हुआ !!!
ReplyDeleteजो पहली पारी रुक गई ...
दूसरी पारी अब भी है शेष ।
जो होगा तेरे लिए विशेष।।
आशा का संचार करती सुंदर रचना।
हार्दिक आभार
Deleteसादर।
शिथिल पाँवो़ में प्राण भरती
ReplyDeleteप्रेरणा देती भावपूर्ण रचना प्रिय सधु जी।
हार्दिक आभार प्यारी श्वेता जी ।
Deleteसादर।
सार्थक सृजन आ0
ReplyDeleteहार्दिक आभार ।
Deleteसादर।
सुन्दर प्रस्तुति
ReplyDeleteहार्दिक आभार माननीय।
Deleteसादर।
बेहतरीन रचना
ReplyDeleteहार्दिक आभार अभिलाषा जी।
Deleteसादर।
कुछ भी हो इंसान को अपना आत्मविश्वास नहीं खोना चाहिए ! सुंदर रचना
ReplyDeleteहार्दिक आभार माननीय।
Deleteसादर।