हमारा आचार,व्यवहार,आदतें और रहने का तरीका आदि सभी चीजें परवरिश के जरिए ही हमें मिल पाती है। हम बच्चों को जैसा वातावरण देंगे उसी राह में उनका विकास होगा अतः हम कह सकते हैं कि ऐसा व्यवहार जिसे माता-पिता अपने बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए अपनाते हैं उसे परवरिश कहते हैं ।
किंतु भरण-पोषण इससे इतर है।
अपने घर के पालतू पशु-पक्षियों को भी हम पालते हैं किंतु वह परवरिश नहीं। परवरिश अच्छे संस्कार का प्रतिफल है।
"हमारा व्यक्तित्व
हमारा लहजा
हमारे अल्फाज़
यह निर्धारित करते है कि हमारा पालन हुआ है या परवरिश"।
।। सधु चन्द्र।।
सही कहा आपने।
ReplyDeleteबिलकुल सच
ReplyDeleteसत्य वचन।
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