छन्नी में छान
आम की
लकड़ी के धुएँ से
यह किसने ...
पवित्र बनाया है !!
आज पक्षियों के
कलरव में
किसने ...
जोश जगाया है!!
देव की धरती को
पारंपरिक छठ गीत से
देवमयी,
फिर किसने आज
बनाया है!!
चंचल-चितवन,
तेजमयी
आदित्यदेव ने
आँख मसलते
मां की गोद से
यह कैसा अलख
जगाया है!!
घर -घर बना
पावन -धाम
क्योंकि,
आज पुण्य
खरने का दिन आया है।
आज पुण्य
खरने का दिन आया है।।
जय हो छठी मैया🌺🌺🌺🙏🙏🙏🌺🌺🌺
खरने की अशेष शुभकामनाएँ
।।सधु।।
चित्र - साभार गूगल
बहुत सुन्दर और सार्थक रचना।
ReplyDeleteछठी मइया की जय हो।
आभार माननीय
Deleteबहुत सुंदर अभिव्यक्ति...।बिल्कुल प्राकृतिक...।
ReplyDeleteआभार सादर
Deleteबहुत सुंदर अभिव्यक्ति..।बिल्कुल प्राकृतिक...।
ReplyDeleteचंचल-चितवन,
ReplyDeleteतेजमयी
आदित्यदेव ने
आँख मसलते
मां की गोद से
यह कैसा अलख
जगाया है!!...।बहुत सुंदर अभिव्यक्ति..।बिल्कुल प्रकृति के नज़दीक..।
चंचल-चितवन,
ReplyDeleteतेजमयी
आदित्यदेव ने
आँख मसलते
मां की गोद से
यह कैसा अलख
जगाया है!!...।बहुत सुंदर अभिव्यक्ति..।बिल्कुल प्रकृति के नज़दीक..।
चंचल-चितवन,
ReplyDeleteतेजमयी
आदित्यदेव ने
आँख मसलते
मां की गोद से
यह कैसा अलख
जगाया है!!...।बहुत सुंदर अभिव्यक्ति..।बिल्कुल प्रकृति के नज़दीक..।
चंचल-चितवन,
ReplyDeleteतेजमयी
आदित्यदेव ने
आँख मसलते
मां की गोद से
यह कैसा अलख
जगाया है!!...।बहुत सुंदर अभिव्यक्ति..।बिल्कुल प्रकृति के नज़दीक..।
बहुत सुंदर। आपको भी हार्दिक शुभकामनाएं।
ReplyDeleteआभार सादर
Deleteदेव की धरती को
ReplyDeleteपारंपरिक छठ गीत से
देवमयी,
फिर किसने आज
बनाया है!!
प्रिय सधु चंद्र जी,
वाह, बहुत गहरी बात सुंदर शब्दों में इपने व्यक्त की है। साधुवाद ।
एवं
छठ महापर्व की हार्दिक शुभकामनाएं 🙏🌷🙏
स्नेह सहित,
डॉ. (सुश्री) शरद सिंह
चंचल-चितवन,
ReplyDeleteतेजमयी
आदित्यदेव ने
आँख मसलते
मां की गोद से
यह कैसा अलख
जगाया है!! बहुत बढ़िया...।छठ की हार्दिक शुभकामनाएँ..।
चंचल-चितवन,
ReplyDeleteतेजमयी
आदित्यदेव ने
आँख मसलते
मां की गोद से
यह कैसा अलख
जगाया है!! बहुत बढ़िया..।छठ की हार्दिक शुभकामनाएँ..।
Bahut accha
ReplyDeleteआभार सादर
Delete🙏🌺🙏🌺
ReplyDeleteजी नमस्ते ,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (२१-११-२०२०) को 'प्रारब्ध और पुरुषार्थ'(चर्चा अंक- ३८९८) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है
--
अनीता सैनी
आभार सादर
Deleteबहुत सुन्दर।
ReplyDeleteछठ पूजा की बधाई हो।
सुन्दर रचना - - छठ पर्व की आपको शुभकामनाएं।
ReplyDeleteचंचल-चितवन,
ReplyDeleteतेजमयी
आदित्यदेव ने
आँख मसलते
मां की गोद से
यह कैसा अलख
जगाया है!!
..बहुत ही सुंदर..छठ पर्व और प्राकृतिक दृश्य का सुंदर संयोजन..।
चंचल-चितवन,
ReplyDeleteतेजमयी
आदित्यदेव ने
आँख मसलते
मां की गोद से
यह कैसा अलख
जगाया है!!
..बहुत ही सुंदर..छठ पर्व और प्राकृतिक दृश्य का सुंदर संयोजन..।
चंचल-चितवन,
ReplyDeleteतेजमयी
आदित्यदेव ने
आँख मसलते
मां की गोद से
यह कैसा अलख
जगाया है!!
..बहुत ही सुंदर..छठ पर्व और प्राकृतिक दृश्य का सुंदर संयोजन..।
अपनी परम्पराएं जीवन को आश्वस्ति प्रदीन करती हैं.
ReplyDeleteआभार सादर
Deleteचंचल-चितवन,
ReplyDeleteतेजमयी
आदित्यदेव ने
आँख मसलते
मां की गोद से
यह कैसा अलख
जगाया है!!
..बहुत ही सुंदर..छठ पर्व और प्राकृतिक दृश्य का सुंदर संयोजन..।
चंचल-चितवन,
ReplyDeleteतेजमयी
आदित्यदेव ने
आँख मसलते
मां की गोद से
यह कैसा अलख
जगाया है!!
..बहुत ही सुंदर..छठ पर्व और प्राकृतिक दृश्य का सुंदर संयोजन..।
चंचल-चितवन,
ReplyDeleteतेजमयी
आदित्यदेव ने
आँख मसलते
मां की गोद से
यह कैसा अलख
जगाया है!!
छठ पर्व पर बहुत ही सुन्दर सृजन।
आभार
ReplyDeleteसादर
बहुत सुंदर पावन सृजन।
ReplyDeleteहार्दिक आभार ।
Deleteसादर।