हो आपके क़रीब
या हो आपसे दूर
पर... फ़िक्र हो जिन्हें
हर पल आपका हुज़ुर
क़दर करें उनकी
भावनाएँ हों ऐसी जिनकी
क्योंकि
ख़याल रखने वाले
फ़िकर करने वाले
इज्ज़त देने वाले
बड़े नसीब से मिलते हैं..
कदर कीजिए ।
प्रातर्वन्दन 🙏🙏🙏💐
मानव नव रसों की खान है। उसकी सोच से उत्पन्न उसकी प्रतिक्रिया ही यह निर्धारित करती है कि उसका व्यक्तित्व कैसा है ! निश्चय ही मेरी रचनाओं में आपको नवीन एवं पुरातन का समावेश मिलेगा साथ ही क्रान्तिकारी विचारधारा के छींटे भी । धन्यवाद ! ।।सधु चन्द्र।।
राम एक नाम नहीं जीवन का सोपान हैं। दीपावली के टिमटिमाते तारे वाल्मिकी-तुलसी के वरदान हैं। राम है शीतल धारा गंगा की पवित्र पर...
सत्य वचन प्रिय सधु जी।
ReplyDeleteहार्दिक आभार।
Deleteसादर।
वाह !!
ReplyDeleteअति सुन्दर कृति।
हार्दिक आभार।
Deleteसादर।
सुन्दर
ReplyDeleteहार्दिक आभार माननीय।
Deleteसादर।