पूरी नारायणी सेना मांग ली
और अर्जुन ने
केवल श्री कृष्ण को मांगा ।
उस समय...
भगवान श्री कृष्ण ने
अर्जुन की चुटकी (मजाक) लेते हुए कहा कि
हार निश्चित है तेरी
हरदम रहेगा उदास
माखन दुर्योधन ले गया
केवल छाछ बची तेरे पास ।
अर्जुन ने कहा- हे प्रभु!
जीत निश्चित है मेरी
दास नहीं हो सकता उदास
माखन लेकर क्या करूं!!?
जब माखन चोर है मेरे पास।।🙏🙏🙏
चित्र-साभार गूगल
वाह,बहुत सुन्दर।
ReplyDeleteहार्दिक आभार।
Deleteसादर।
बहुत खूब!!
ReplyDeleteअर्जुन की इसी वाकपटुता और स्नेह ने कान्हा को बनाये रखा उसका खास!
जी।
Deleteहार्दिक आभार।
सादर।
और इस तरह दूसरों को छलने वाला दुर्योधन स्वयं छला गया। सार्थक प्रस्तुति के लिए आपका आभार।
ReplyDeleteजी।
Deleteहार्दिक आभार।
सादर।
बहुत ही बेहतरीन रचना
ReplyDeleteहार्दिक आभार।
Deleteसादर।
जय श्री कृष्ण।
ReplyDeleteहार्दिक आभार।
Deleteसादर।
प्रभु की माया की थाह कौन पा सका है
ReplyDeleteहार्दिक आभार।
Deleteसादर।
जिसके पास माखन चोर ... विजय तो उसकी निश्चित ही है ...
ReplyDeleteबहुत गहरे प्रसंग को बाखूबी लिखा है ...
हार्दिक आभार।
Deleteसादर।
सादर नमस्कार ,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (19-1-21) को "जैसी दृष्टि वैसी सृष्टि"(चर्चा अंक-3951) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है।
--
कामिनी सिन्हा
मेरी प्रविष्टि को चर्चा में शामिल करने के लिए हार्दिक आभार कामिनी जी।
Deleteसादर।
सुंदर सरस,मनोहारी वर्णन माखनचोर कृष्ण कन्हैया का प्रिय सधु जी..
ReplyDeleteहार्दिक आभार।
Deleteसादर।
बहुत ही सुन्दर रचना।
ReplyDeleteहार्दिक आभार।
Deleteसादर।
वाह!
ReplyDeleteहार्दिक आभार।
Deleteसादर।