एक ही लक्ष्य ~~
मेरी शिक्षा,
मेरे ज्ञान का हो यह प्रतिफल
कि याद करे दुनिया ,
मेरे बाद भी मुझे कल।
ना मेरा चेहरा
न मेरी बातें
उन्हें याद रहे बस...
मेरा काम मेरी यादें!!!
।।सधु चन्द्र।।
मानव नव रसों की खान है। उसकी सोच से उत्पन्न उसकी प्रतिक्रिया ही यह निर्धारित करती है कि उसका व्यक्तित्व कैसा है ! निश्चय ही मेरी रचनाओं में आपको नवीन एवं पुरातन का समावेश मिलेगा साथ ही क्रान्तिकारी विचारधारा के छींटे भी । धन्यवाद ! ।।सधु चन्द्र।।
राम एक नाम नहीं जीवन का सोपान हैं। दीपावली के टिमटिमाते तारे वाल्मिकी-तुलसी के वरदान हैं। राम है शीतल धारा गंगा की पवित्र पर...
अति सुंदर
ReplyDeleteहार्दिक आभार माननीय।
Deleteसादर।
उन्हें याद रहे बस...
ReplyDeleteमेरा काम मेरी यादें!
बहुत सुन्दर
हार्दिक आभार माननीय।
Deleteसादर।
कदाचित।
ReplyDeleteहार्दिक आभार माननीय।
Deleteसादर।
हार्दिक आभार माननीय।
ReplyDeleteसादर।
वाह!
ReplyDeleteहार्दिक आभार माननीय।
Deleteसादर।