Wednesday, 3 March 2021

हे मन उठ !

स्वारथ सकल पूरित शोरगुल-कोलाहल।
धैर्य मन पीता
नितदिन हलाहल।।
हे मन उठ !
चल क्रान्ति ला।
लोहे को लोहे से काट
जग में शान्ति फैला।।

प्रातर्वन्दन 🙏🙏🙏🙏💐


।।सधु चन्द्र।। 

5 comments:

  1. वाह ! सुंदर प्रेरक और वन्दनीय छंद..सादर शुभकामनाएं..समय मिले तो ब्लॉग पर अवश्य भ्रमण करें..

    ReplyDelete
  2. हे मन उठ !
    चल क्रान्ति ला।
    लोहे को लोहे से काट
    जग में शान्ति फैला।।

    मन में ओज भरती प्रेरक सृजन सधु जी

    ReplyDelete
  3. बहुत सुंदर।

    ReplyDelete

राम एक नाम नहीं

राम एक नाम नहीं  जीवन का सोपान हैं।  दीपावली के टिमटिमाते तारे  वाल्मिकी-तुलसी के वरदान हैं। राम है शीतल धारा गंगा की  पवित्र पर...