Tuesday 29 June 2021

कुछ हृदय की ज्वारभाटा ने उड़ेला कुछ आँखों की नम लहरों ने...

नजरें टिकी होती हैं
हर प्रक्रिया पर तुम्हारे। 
बहुत थामा था
प्राकृतिक प्रतिक्रिया को हमारे ।। 
पर ...
कुछ हृदय की ज्वारभाटा ने उड़ेला 
कुछ  आँखों की नम लहरों ने।।
 
।।सधु चन्द्र।।

3 comments:

  1. वाह! मोहक पंक्तियाँ!

    ReplyDelete
  2. सुन्दर अभिव्यक्ति, चंद शब्दों में पूरी कहानी, वही व्यथा पुरानी।
    बहुत ही सुंदर। ।।।

    ReplyDelete

राम एक नाम नहीं

राम एक नाम नहीं  जीवन का सोपान हैं।  दीपावली के टिमटिमाते तारे  वाल्मिकी-तुलसी के वरदान हैं। राम है शीतल धारा गंगा की  पवित्र पर...