Friday, 16 October 2020

मिल गया, कोई अचानक


चल रहे थे, हम अकेले
मिल गया, कोई अचानक 
राह के, सूने चमन में
खिल गया, कोई अचानक ।
मौन जीवन, स्वर बना है
स्वर से अब, गीत बनेगा 
कल तक था जो, मात्र परिचय-सा 
अब वह मेरा, मीत बनेगा  
शून्य पड़े, अधरों पर मेरे 
थिरक गया, कोई अचानक 
राह के, सूने चमन में 
खिल गया कोई अचानक।।

।।सधु।।

2 comments:

  1. मौन जीवन, स्वर बना है
    स्वर से अब, गीत बनेगा
    कल तक था जो, मात्र परिचय-सा
    अब वह मेरा, मीत बनेगा
    शून्य पड़े, अधरों पर मेरे
    थिरक गया, कोई अचानक

    वाह!!

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