चल रहे थे, हम अकेले
मिल गया, कोई अचानक
राह के, सूने चमन में
खिल गया, कोई अचानक ।
मौन जीवन, स्वर बना है
स्वर से अब, गीत बनेगा
कल तक था जो, मात्र परिचय-सा
अब वह मेरा, मीत बनेगा
शून्य पड़े, अधरों पर मेरे
थिरक गया, कोई अचानक
राह के, सूने चमन में
खिल गया कोई अचानक।।
।।सधु।।
मौन जीवन, स्वर बना है
ReplyDeleteस्वर से अब, गीत बनेगा
कल तक था जो, मात्र परिचय-सा
अब वह मेरा, मीत बनेगा
शून्य पड़े, अधरों पर मेरे
थिरक गया, कोई अचानक
वाह!!
आभार!
ReplyDeleteसादर