कमाई केवल धन-दौलत है
प्यार,सम्मान,रिश्ते,तजुर्बे, अच्छे मित्र भी तो
हमारी कमाई ही है
अर्जित संपत्ति है।
और ये अर्जित संपत्ति
केवल बैंक में ही नहीं होते
अपनों के हृदय में
आसीन होना भी तो
अर्जित संपत्ति ही है।
जिनकी अर्जित संपत्ति
पारदर्शी होती है
अपनों के हित लिए होती है
वे नज़र चुरा कर काम नहीं करते
नज़र मिलाकर काम करते हैं।
किंतु कुछ विपरीतार्थक परिणाम
दुनिया से नज़र चुरा कर जिसने
खुद के लिए बहुत कुछ किया
पर आज उसका
खुद से नज़र मिलाना
खुद से मुश्किल है।।
वाह!
ReplyDeleteसुन्दर
आभार सादर
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