Monday, 11 January 2021

हर दिन हिंदी दिवस मनाएँगे....

तन हिंदी 
मन हिंदी 
और यह जीवन 
हिंदी हो जाए ।

गोते लगाए बस 
हिंदी में 
आ... विदेश से लौट 
फिर स्वदेशी हो जाए ।।

एक चाहत है 
जड़ों की 
बस... हिंदी से ही 
उसे सींचा जाए।
 
जन-जन की भाषा हिंदी हो 
और ...
हिंदी ही
पहली भाषा कहलाए ।

तमस मिटे 
अज्ञान का
ज्योतिर्मय 
ज्ञान बिखर जाए।

अलख जगे और गूंज उठे 
जन-गण-मन हिंदी हो जाए।

पर याद रहे... 
बस एक दिन के लिए न...
माँ के चरणों में स्थान पाएँगे
बल्कि...
हर दिन 
हिंदी दिवस मनाएँगे....


।।सधु चन्द्र।। 

चित्र-साभार गूगल 


15 comments:

  1. विश्व हिन्दी दिवस पर बहुत अच्छी सामयिक रचना
    हार्दिक शुभकामनाएं।

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    1. धन्यवाद एवं हार्दिक आभार कविता जी।
      सादर।

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  2. समसामयिक एवं सारगर्भित रचना..हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ..

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    1. धन्यवाद एवं हार्दिक आभार जिज्ञासा जी।
      सादर।

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  3. बहुत सुंदर विचार, सारगर्भित रचना प्रिय सधु जी।

    सस्नेह।

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    1. धन्यवाद एवं हार्दिक आभार श्वेता जी।
      सादर।

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  4. सादर नमस्कार कामिनी जी।
    मेरी रचना को मंच प्रदान करने हेतु हार्दिक आभार।

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  5. अलख जगे और गूंज उठे
    जन-गण-मन हिंदी हो जाए।
    बहुत सुन्दर रचना...
    विश्व हिन्दी दिवस की शुभकामनाएं।

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    1. धन्यवाद एवं हार्दिक आभार सुधा जी।

      सादर।

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  6. बहुत सुंदर प्रस्तुति

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    1. धन्यवाद एवं हार्दिक आभार अनुराधा जी।
      सादर।

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  7. गहरे भाव लिए सुन्दर रचना हिन्दी दिवस पर

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  8. धन्यवाद एवं हार्दिक आभार माननीय ।
    सादर।

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  9. Replies
    1. हार्दिक आभार माननीय।
      सादर।

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