Sunday, 18 October 2020

प्रतिशोध

प्रतिशोध  ज़ुुुुल्म का अंत नहीं 
बल्कि...
ज़ुुुुल्म की शुरुवात है!!!!



4 comments:

  1. प्रतिशोध ज़ुुुुल्म का अंत नहीं
    बल्कि...
    ज़ुुुुल्म की शुरुवात है!!!! क्या बात कही सधु जी | सचमुच क्षोभ से प्रतिशोध तक पहुंची बात ही तो महाभारत रचवाती है |

    ReplyDelete
    Replies
    1. सचमुच क्षोभ से प्रतिशोध तक पहुंची बात ही तो महाभारत रचवाती है |
      बिल्कुल

      Delete

राम एक नाम नहीं

राम एक नाम नहीं  जीवन का सोपान हैं।  दीपावली के टिमटिमाते तारे  वाल्मिकी-तुलसी के वरदान हैं। राम है शीतल धारा गंगा की  पवित्र पर...