Saturday, 10 October 2020

भूख को मरने ना दो

     बहुत भूख है दुनिया में 
     आंँखों से लेकर पेट की
      झिलमिलाते सपने देखने की 
       सपनों को पूरा करने की 
        और उसमें जीने की
        पर सपनों का क्या !!!
             वे तो टूटते हैं 
              बिखरते हैं
        शायद ...  फिर बनने के लिए 
            
               पर भूख को मरने न दो
                तीक्ष्ण ज्वाला भरो
 अगर जो कर गुज़रना हो कुछ
       सोच  से लेकर पेट  की ।।
                
                  शुभकामनाएँ
                     प्रातर्वन्दन 🙏🙏🙏

5 comments:

  1. व्वाहहहह..
    गूगल फालोव्हर का गेजेट लगाइए
    सादर..

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  2. झिलमिलाते सपने देखने की
    सपनों को पूरा करने की
    और उसमें जीने की
    पर सपनों का क्या !!!
    वे तो टूटते हैं
    बिखरते हैं
    शायद ... फिर बनने के लिए

    पर भूख को मरने न दो
    तीक्ष्ण ज्वाला भरो
    अगर जो कर गुज़रना हो कुछ
    सोच से लेकर पेट की ।।

    वाह!

    ReplyDelete

खृष्टाव्दीयं नववर्षमिदम् --- इति कामये ।।सधु चन्द्र:।।🌷

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