नया सवेरा
मानव नव रसों की खान है। उसकी सोच से उत्पन्न उसकी प्रतिक्रिया ही यह निर्धारित करती है कि उसका व्यक्तित्व कैसा है ! निश्चय ही मेरी रचनाओं में आपको नवीन एवं पुरातन का समावेश मिलेगा साथ ही क्रान्तिकारी विचारधारा के छींटे भी । धन्यवाद ! ।।सधु चन्द्र।।
Wednesday, 1 January 2025
खृष्टाव्दीयं नववर्षमिदम् --- इति कामये ।।सधु चन्द्र:।।🌷
Thursday, 30 March 2023
राम एक नाम नहीं
Sunday, 26 March 2023
छठ-आस्था का महापर्व
Wednesday, 8 March 2023
रंगों का मौसम फाग का बयार
Saturday, 4 February 2023
प्रासादों के कनकाभ शिखर,होते कबूतरों के ही घर
प्रासादों के कनकाभ शिखर,
होते कबूतरों के ही घर,
महलों में गरुड़ ना होता है,
कंचन पर कभी न सोता है.
रहता वह कहीं पहाड़ों में,
शैलों की फटी दरारों में।
होकर सुख-समृद्धि के अधीन,
मानव होता निज तप क्षीण,
सत्ता किरीट मणिमय आसन,
करते मनुष्य का तेज हरण.
नर वैभव हेतु लालचाता है,
पर वही मनुज को खाता है।
चाँदनी पुष्प-छाया मे पल,
नर भले बने सुमधुर कोमल,
पर अमृत क्लेश का पिए बिना,
आताप अंधड़ में जिए बिना,
वह पुरुष नही कहला सकता,
विघ्नों को नही हिला सकता।
उड़ते जो झंझावतों में,
पीते जो वारि प्रपातो में,
सारा आकाश अयन जिनका,
विषधर भुजंग भोजन जिनका,
वे ही फानिबंध छुड़ाते हैं,
धरती का हृदय जुड़ाते हैं।
रामधारी सिंह दिनकर - रश्मिरथी
Tuesday, 31 January 2023
मूर्खों की जिंदगी सांत्वना से कटती है पर कर्मठ तो संघर्ष करते हैं।
Thursday, 24 November 2022
Sunday, 30 October 2022
#आस्था का महापर्व छठ #छठमहापर्व का वैज्ञानिक दृष्टिकोण
Monday, 24 October 2022
"प्रकाश व प्रसन्नता" के पर्व दीपावली पर आप सभी को सपरिवार अशेष शुभकामनाएँ। सधु चन्द्र
Thursday, 25 August 2022
बकरी पाती खात है ताकी काढ़ी खाल।जे नर बकरी खात हैं, ताको कौन हवाल।।#कबीर
बकरी पाती खात है ताकी काढ़ी खाल।
जे नर बकरी खात हैं, ताको कौन हवाल।।
अर्थ :
कबीर दास जी कहते हैं कि बकरी एक निर्दोष जीव है जो किसी को नुक़सान नहीं पहुंचती है तब भी उसकी खाल निकाली जाती है।
अब ये सोचने की बात है कि जो लोग बकरी का भक्षण करते हैं अर्थात् उसका मांस खाते है उनका कितना बुरा हाल होगा यह तो ईश्वर ही बेहतर जानता है।
Moral of the story
जब बेगुनाह की खाल उतार ली जाती है तो गुनाहगार का क्या हश्र होगा!!!!
चित्र-साभार गूगल
Sunday, 21 August 2022
शुभचिंतक की वाणी कठोर तथा स्वार्थ पूरक की मृदु होती है
Friday, 19 August 2022
ठहराव गंदगी उत्पन्न करता है
Friday, 4 March 2022
जहाँ मीठे फल होते हैं पत्थर वहीं चला करते हैं
Sunday, 27 February 2022
इंसान की असलियत की पहचान,उसके आचार व व्यवहार से होती है।
Wednesday, 23 February 2022
#परवरिश (Parenting) और पालन
वक्त का खेल
कौन कहता है!!!
Sunday, 13 February 2022
एक अटूट बंधन Happy Valentine's Day
Thursday, 10 February 2022
हर तरफ़ हर जगह बेशुमार आदमी
हर तरफ़ हर जगह बेशुमार आदमी
फिर भी तनहाइयों का शिकार आदमी
सुबह से शाम तक बोझ ढोता हुआ
अपनी ही लाश का खुद मज़ार आदमी
हर तरफ भागते दौड़ते रास्ते
हर तरफ आदमी का शिकार आदमी
रोज़ जीता हुआ रोज़ मरता हुआ
हर नए दिन नया इंतज़ार आदमी
ज़िंदगी का मुक़द्दर सफ़र दर सफ़र
आखिरी साँस तक बेक़रार आदमी
-निदा फ़ाज़ली
Sunday, 6 February 2022
नमन
Saturday, 29 January 2022
किस शिक्षा नीति/सम्प्रदाय/समाज... में यह मान्य है कि एक शिक्षक दूसरे शिक्षक को मैम/सर नहीं कहेंगे।अमर्यादित तरीके से अपने से अधिक उम्र या औधे वाले शिक्षक को नाम से बुलाएँगे।
जब नाश मनुज पर छाता है,पहले विवेक मर जाता है।कृष्ण की चेतावनी / रामधारी सिंह "दिनकर"
जब नाश मनुज पर छाता है,
पहले विवेक मर जाता है।
कृष्ण की चेतावनी / रामधारी सिंह "दिनकर"
सबको सुमार्ग पर लाने को,
दुर्योधन को समझाने को,
भीषण विध्वंस बचाने को,
भगवान् हस्तिनापुर आये,
पांडव का संदेशा लाये।
‘दो न्याय अगर तो आधा दो,
पर, इसमें भी यदि बाधा हो,
तो दे दो केवल पाँच ग्राम,
रक्खो अपनी धरती तमाम।
हम वहीं खुशी से खायेंगे,
परिजन पर असि न उठायेंगे!
दुर्योधन वह भी दे ना सका,
आशीष समाज की ले न सका,
उलटे, हरि को बाँधने चला,
जो था असाध्य, साधने चला।
जब नाश मनुज पर छाता है,
पहले विवेक मर जाता है।
Wednesday, 26 January 2022
Constitution of India was written by hand.
Sunday, 16 January 2022
#शब्द
Thursday, 6 January 2022
#विडंबना
Friday, 17 December 2021
Don't mugup
मछली अगर पेड़ पर नहीं चढ़ पाती तो इसका मतलब यह कतई नहीं कि वह अयोग्य है ।
Monday, 13 December 2021
#विस्तार
Sunday, 5 December 2021
असंतुष्ट लोग
जनहित में जारी...
Saturday, 20 November 2021
ताकतवर और बुद्धिमान
Tuesday, 19 October 2021
मन का हो तो अच्छा न हो तो और अच्छा...
Wednesday, 15 September 2021
Friday, 3 September 2021
तूूफ़ान की पोटली
Tuesday, 31 August 2021
वाणी का पड़ता है प्रभाव
वाणी का पड़ता है प्रभाव
जैसा आप सामने वाले से बातचीत के दौरान शब्दों का प्रयोग करते हैं, वैसा ही प्रभाव सामने वाले पर भी पड़ता है। हमेशा शालीन भाषा का प्रयोग करते हुए सामने वाले को प्रभावित करने का प्रयास किया जाना चाहिए।
दिमाग एक ऐसा अंग...
Wednesday, 30 June 2021
बच्चे खुशमिज़ाज शिक्षक को पसंद करते हैं और पसंद करें क्यों न!!!
Tuesday, 29 June 2021
कुछ हृदय की ज्वारभाटा ने उड़ेला कुछ आँखों की नम लहरों ने...
सुनना-सुनाना सब परिस्थितियों का खेल है...
Sunday, 13 June 2021
ख़ुद में ख़ुद को तलाशने की प्यास है
Monday, 17 May 2021
हमने मौत से लड़कर जीवन जीतना सीखा है।।
Monday, 26 April 2021
एक अनुभव कोरोनावायरस के नाम
Tuesday, 13 April 2021
अनेकता में एकता का अनूठा दिनांक 14 अप्रैल
Thursday, 8 April 2021
मेरा लहज़ा
Saturday, 3 April 2021
तेरी नज़रें...
Wednesday, 31 March 2021
स्वाभिमान होना चाहिए न कि अभिमान होना चाहिए ।
Monday, 15 March 2021
क्रोध संतप्त, हृदय विरक्त
Wednesday, 3 March 2021
अंतर्मन को छूना, प्रहार से भारी है
हे मन उठ !
Sunday, 28 February 2021
आर्थिक निर्भरता क्यों?
Friday, 26 February 2021
समस्या
Tuesday, 23 February 2021
कारपोरल पनिशमेंट वर्जित
Sunday, 21 February 2021
जय-जय-जय चापलूस महाराज
Monday, 15 February 2021
सर्द ओस में सिमटे ख़्याल तेरे लिहाफ से निकल बाहर जाते नहीं...
खृष्टाव्दीयं नववर्षमिदम् --- इति कामये ।।सधु चन्द्र:।।🌷
सर्वस्तरतु दुर्गाणि सर्वो भद्राणि पश्यतु । सर्व: कामानवाप्नोतु सर्व: सर्वत्र नंदतु । " सब लोग कठिनाइयों को पार करें, कल्याण ही कल्या...
-
जय-जय-जय चापलूस महाराज स्वाभिमान ना आता तुमको रास। पिछल्ले बने घूमते तुम नहीं रुकता कभी तुम्हारा कोई काज । गुडबुक्स में ऊपर र...
-
एक वक़्त था कि प्रेम-पत्र लिखे जाते थे । संकोचवश मन की बात जो अधरों तक ना आ पाती उसे शब्दों में पिरोए जाते थे। सुख...
-
हथौड़ी के बार-बार प्रहार करने पर ताला खुलता नहीं टूट जाता है। निरंतर वार पर जब अभिमानी ताला न खुला तब हथौड़ी ने,...